यह ब्लॉग खास तौर पर ग़ज़ल के उन आशिकों को दिली मोहब्बत के साथ समर्पित है जो ग़ज़ल से प्यार तो करते हैं मगर उर्दू से नावाकिफ होने की वजह से दिल मसोस कर रह जाते हैं ग़ज़ल आज दुनिया की सब से ज़्यादा लोकप्रिय कविता है.आज दुनिया की हर भाषा में ग़ज़ल लिखी जारही है।ग़ज़ल की शुरुआत दिल टूटने से हुई और आज दिमाग की सरहदों से भी आगे पहुँच चुकी है.अरबी से फारसी और फारसी से उर्दू और फिर उर्दू से दुनिया की सारी ज़बानों में जगह बनाने वाली कविता के इस रूप को निखारने में आज तक लाखों शायरों ने अपनी जिंदगी का बेशतर हिस्सा वक्फ कर दिया। मीर, गालिब, दर्दऔर दागसे ले कर फिराक,शहरयार, बशीर बद्र, फरियाद आज़र ने इस की जुल्फों को सँवारने में अपने आप को खो दिया।
हम हर हफ्ते इस ब्लॉग में किसी एक शायर की ग़ज़ल का इजाफा करेंगे। अगर आप भी शायर हैं तो हमें अपने कलाम से नवाजें, हम आप की ग़ज़ल को इस ब्लॉग में बड़ी मोहब्बत के साथ शामिल करेंगे.